#Hindi Quote

इन फासलों के पीछे सब फैसले तुम्हारे थे.

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जिंदगी रेल सी गुजर रही हैं, उम्मीदे स्टेशन सी छूट रहीं हैं.
आज टुटा एक तारा देखा, बिल्कुल मेरे जैसा था, चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा, बिल्कुल तेरे जैसा था.
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का ! बड़ी मासूमियत से कहते हैं मजबूर थे हम.
उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो ! मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया
बल्कि फैसले लेकर मैं खुद उन्हें सही कर देता हूँ। (रतन टाटा)
जिंदगी कैसे अजीब हो गई हैं, खुश दिखना खुश होने से ज्यादा जरुरी हो गया हैं.
जो लोग दर्द को समझते हैं, वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते.
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
सही फैसले लेने वाले कभी मुड़कर नहीं देखते, बस आगे बढ़ते जाते हैं।