#Hindi Quote

उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो ! मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया

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जीत की उम्मीद रखते हो बहाने बनाके चलने का शौक है क्या।
जीवन में खुश रहने का एक ही मन्त्र है, उम्मीद केवल खुद से करे, किसी और से नहीं।
जिंदगी रेल सी गुजर रही हैं, उम्मीदे स्टेशन सी छूट रहीं हैं.
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है.
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
उम्मीद की बस एक किरण ही काफी है आपकी आँखों में आयी
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.