#Hindi Quote

ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया

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दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते है, क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता
जो आपके सबसे करीब होता है, वही आपको सबसे ज्यादा दुःख देने का सोचता है।
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है , दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है
जो लोग छोटी सी बात पर भी अपनी आँखों के नीर को नहीं रोक पाते, वास्तव में वह लोग दिल के बड़े सच्चे होते हैं|
ज़िन्दगी में कुछ ज़ख्म ऐसे होते है जो कभी नहीं भरते बस इंसान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है
किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे
कब्रें कितनी भी क्यों न सज जाएं बोल नहीं पातीं, इसलिए जिंदा रहते ही मुस्कुराना सीख लीजिए।
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.