#Hindi Quote

कर्म सदैव सुख न ला सके परन्तु कर्म के बिना सुख नहीं मिलता।

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हर रक्षा बंधन मैं अपने मन के भीतर तुम्हारी सुख, समृद्धि का संकल्प लेता हूँ।
हार और जीत सिक्के के दो पहलू की तरह होते हैं, पहले के बिना दूसरा और दूसरे के बिना पहला अधूरा होता है।
कर्म का परम कर्तव्य अकर्म नहीं जाना।
जो लोग आलसी होते हैं, ऐसे लोगों का कोई भविष्य और वर्तमान नहीं होता है।
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है…!! “मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है लेकिन…. “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है
किताबों से बढ़कर सच्चा दोस्त और कोई नहीं हो सकता। यह आपके सुख-दुख तथा जीवन के हर पड़ाव में आपका साथ देता है।
भाई, रक्षा बंधन की शुभकामनाएं! ये राखी आपको सुरक्षित रखे और आपकी ज़िंदगी में सुख-शांति लाए।
यदि हम निरंतर अपने काम में लगे रहें, तो हम जो चाहे वो कर सकते हैं।
बिना कठोर परिश्रम सिर्फ परेशानियाँ बढ़ती है ख़ुशियाँ नहीं।
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।