#Hindi Quote

दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर है!

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अपार आशाओं का खेल था सारा, मैंने इस खेल को समझा और देखते ही देखते जीत मेरी ही हुई।
गिरना अच्छा है, औकात का पता चलता है, हाथ थामे रखने वाले कितने हैं, इस बात का पता चलता है!
सपनों की उड़ान वही भर सकते हैं, जो अपने डर को पीछे छोड़ देते हैं।
जब भाई का साथ है तो हौसले बुलंदियां छूने से नहीं डर सकते हैं।
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं!
मुझे मौत का भय नहीं है; मैं तो बस उस वक़्त वहां होना नहीं चाहता - वूडी एलेन
किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही ख़त्म हो जाये।
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं
प्रेम दिवस कैसे मनाता चारों तरफ गम के बादल छाए थे, नमन है मेरा उन शहीदों को जो तिरंगा ओढ़ कर आए थे.
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना