#Hindi Quote
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समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
तुम नफरत का धरना
बात जो भी हो सामने बया होती है ए दोस्त इश्क़ में चालाकियाँ कहाँ होती है
छुपा रहा हूं इश्क अभी सबसे पर एक दिन सरेआम तुम्हें लेने आऊंगा
मगर लोग मोहब्बत का सुबूत ज़रूर मांगते है।
नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,
जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे।
समझ लेना तुम मुझे मेरे बिना कहे खामोशी समझना भी प्रेम ही है
प्यार में अगर किसी के लिए रोना आए तो समझ लेना प्यार सच्चा है
मैं इश्क लिखूं और उसे हो जाए काश मेरी शायरी में कोई ऐसे खो जाए