#Hindi Quote

इससे ज्यादा इश्क का सबूत और क्या दूं साहब मैंने उसके जिस्म को नहीं उसकी रूह को चुना है

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समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
निपुणता हमेशा आपके आसपास के लोगों के प्रति आपके प्रेम और परवाह का नतीजा होनी चाहिए - न कि एक मशीनी और उदासीन कार्य-भावना का।
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
छुपा रहा हूं इश्क अभी सबसे पर एक दिन सरेआम तुम्हें लेने आऊंगा
मैं बिन फेरों के भी रिश्ता निभाऊंगा बश तुम मेरा हाथ थामें रखना
बात जो भी हो सामने बया होती है ए दोस्त इश्क़ में चालाकियाँ कहाँ होती है
बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गयी।
दुनिया को नफरत का सुबूत नहीं देना पड़ता,
सोचता हूं आज इश्क जता दूं क्या तुमसे मोहब्बत है यह तुम्हें बता दूं क्या.
तेरी हर एक बात को हंसते-हंसते सह लूंगा बस मोहब्बत में शामिल कोई और ना हो