#Hindi Quote

इससे ज्यादा इश्क का सबूत और क्या दूं साहब मैंने उसके जिस्म को नहीं उसकी रूह को चुना है

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सोचता हूं आज इश्क जता दूं क्या तुमसे मोहब्बत है यह तुम्हें बता दूं क्या.
तुम से जो मोहबत थी ना,
जैसे कभी जानते ही नहीं थे
समझ लेना तुम मुझे मेरे बिना कहे खामोशी समझना भी प्रेम ही है
तेरी एक मुस्कान से सुधर गयी तबियत मेरी, बताओ यार इश्क करते हो या इलाज करते हो!
बात जो भी हो सामने बया होती है ए दोस्त इश्क़ में चालाकियाँ कहाँ होती है
मैं प्यार का इस्तीफा
तेरी हर एक बात को हंसते-हंसते सह लूंगा बस मोहब्बत में शामिल कोई और ना हो
तुम ना ही मिलते तो अच्छा था,
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे