#Hindi Quote
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मैं प्यार का इस्तीफा
समझ लेना तुम मुझे मेरे बिना कहे खामोशी समझना भी प्रेम ही है
बात जो भी हो सामने बया होती है ए दोस्त इश्क़ में चालाकियाँ कहाँ होती है
जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।।
मैं इश्क लिखूं और उसे हो जाए काश मेरी शायरी में कोई ऐसे खो जाए
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
अब वो नफरत में बदल गयी है।
प्रेम की गहराई को जानने के लिए आपके कम-से-कम कुछ अंश को मिटना होगा। वरना किसी दूसरे के लिए जगह नहीं होगी।
आप प्रेम में ऊंचे नहीं उठ सकते, आप प्रेम में उड़ नहीं सकते, आप प्रेम में खड़े नहीं हो सकते – आपको लव (प्रेम) में फॉल करना (गिरना) होगा। अगर आप भावनाओं के जादू को जानना चाहते हैं, तो आपके कुछ अंश को फॉल करना (गिरना) होगा।
प्रेम कोई सहूलियत का साधन नहीं है। यह खुद को मिटाने की एक प्रक्रिया है।