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इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं
जब इंसान तन्हा चलना सीख जाता है तब वो दुनिया को समझ चुका
शिक्षक दिवस शिक्षा के महत्व और हमारे जीवन पर इसके सकारात्मक प्रभाव की याद दिलाता है।
माता पिता की आंख से दो बार ही आंसू आते हैं, एक लड़की घर छोड़े तब और दूसरा बेटा मुंह मोड़ ले तब.
इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है कल इतनी थी आज इतनी बढ़ गयी। ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है, कल इतनी थी आज इतनी कम हो गयी।
किसी भी इंसान की इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प उसे भिखारी से राजा बना सकती है
अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्कूरा दें.तो जितने वाला भी जीत की खुशी खो देता है।
इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं करता।
आप कितने भी अच्छे इंसान हो पर किसी ना किसी के लिए बुरे जरूर होंगे, क्योंकि लोग हमेशा अपने स्वार्थ के अनुसार आपके बारे में सोचते हैं
हार और जीत सिक्के के दो पहलू की तरह होते हैं, पहले के बिना दूसरा और दूसरे के बिना पहला अधूरा होता है।