#Quote

जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।

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ताश का जोकर और अपनों की ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं।
मैदान से हारा हुआ इंसान तो फिर से जीत सकता है, लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता इसलिए मन से कभी हार मत मानना।
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो. सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ छोड़ ही जाते है!
इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नहीं, अपनी ज़रूरत के हिसाब से गरीब होता है।
उनकी आदतें ख़राब हो जाती है, जिनको हर चीज़ तैयार मिल जाती है!
सीढ़ियों की जरूरत उन्हें होती है, जिन्हें छत तक जाना होता है। मेरी मंज़िल तो आसमान है, रास्ता भी खुद ही बनाना है।
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
मन में बातो के चलते रहने से , ज़िंदगी रुक ही जाती है।
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
भरोसा तो खैर सांसों का नहीं होता, और लोग इंसान पर कर लेते है।