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मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

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अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते
ज़िन्दगी भर नहीं दूंगा।
समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,
सबकुछ कुछ नहीं से शुरू हुआ
सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
आपके पास तब तक कोई सुरक्षा नहीं है जब तक आप बहादुरी से, रोमांचक ढंग से, कल्पनाशील रूप से नहीं जी सकते; जब तक आप क्षमता के बजाय चुनौती नहीं चुन सकते।
शायद ये चेहरा मेरा नहीं है लेकिन कुछ चेहरे देखकर मुझे मेरा चेहरा बदलने का मन करता है।
पहले पड़ती थी बहुत सी बातों पर फर्क, अब किसी बात पर नहीं पड़ती।