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ज़िन्दगी पल-पल ढलती है, जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है कुछ खोकर पछताना क्यों, ज़िंदगी जैसी भी है बस एक ही बार मिलती है।
अक्सर जिनकी हंसी खूबसूरत होती है, वो जिंदगी में रोये भी बहुत होते हैं।
इस बात से फर्क नहीं पड़ता तुम कितनी ग़लती करते हो या कितनी धीरे बढ़ रहे हो, उन लोगों से बहुत आगे हो जो कोशिश ही नहीं
ज़िंदगी में एक सोच बेमिसाल रखो, हालात चाहे जैसे भी हो चेहरे पर मुस्कान रखो
थका हुआ हु थोड़ा, जिंदगी भी थोड़ी नाराज है, पर कोई बात नही ये तो रोज की बात है
बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं ! वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते !!
अगर आसुओं की कीमत होती, तो कल रात वाला तकिया अरबों का होता
उजड़ी हुई दुनियां को तू आबाद ना कर, बीते हुए लम्हों को तू याद ना कर, एक कैद परिंदे ने कहा हमसे, मैं भूल चुका हु उड़ान तू मुझे आजाद ना कर !!!
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.