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हार और जीत सिक्के के दो पहलू की तरह होते हैं, पहले के बिना दूसरा और दूसरे के बिना पहला अधूरा होता है।

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हार और जीत सिक्के के दो पहलू की तरह होते हैं, पहले के बिना दूसरा और दूसरे के बिना पहला अधूरा होता है।
जिंदगी में हर जगह हम जीत चाहते है..सिर्फ फूलवाले की दुकान ऐसी है, जहाँ हम कहते है की हार चाहिए..क्योकि हम मगवान से जीत नहीं सकते
आप किस कुल, परिवार में जन्मे हो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको बस दूसरों से हटकर अपनी राह बनानी होती है।
ज्ञान सिर्फ किताबों से ही नहीं मिलता, जीवन की परिस्थितियां भी इंसान को बहुत कुछ सीखा देती हैं।
यदि हम निरंतर अपने काम में लगे रहें, तो हम जो चाहे वो कर सकते हैं।
मेरे भीतर पनपे विश्वास की जड़ तुम हो बहना, मेरी जीत का एकलौता श्रेय तुम हो बहना
आपके माता-पिता आपकी पढ़ाई के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करते हैं, आप का भी कर्तव्य बनता है कि आप अपनी पढ़ाई के लिए दिन रात एक कर दें।
जीत की खातिर बस जुनून चाहिए, जीसमें उबाल हो ऐसा खून चाहिए, यह आसमान भी आएगा जमीन पर, बस इरादों में जीत की गुंज चाहिए!
परिश्रम वह चाबी है, जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है।
कठोर परिश्रम सफलता की गारंटी नहीं है, लेकिन इसके बिना सफल होने का एक भी Chance नहीं है।