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दिखावे के शरीफ बनने की आदत नही है हमारी, शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम बोलते है।

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कहो कि कैसे गुजर रही है रात भारी या दिन है गम में, या हमारी तरह जिंदगी रेत सी यूं फिसल रही है।
वक़्त के साथ बदल जाओ या फिर सीखो वक़्त बदलना, मजबूरियों को कोसो मत हर हाल में चलना सीखो।
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी
किसी की भावनाओ के साथ कभी मत खेलो, हो सकता है ये खेल आप जीत जाओ लेकिन उस इंसान से आप ज़िन्दगी भर के लिए हार जाओगे।
झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज हो, पर मंजिल तक केवल सच ही पहुँचता है
सिर्फ वक़्त के भरोसे मत बैठे रहना, किस्मत वालो के हाथ खाली रह सकते है मेहनत करने वालो के नही।
भले ही गिनती के चार हो मगर, जो दोस्त हो वो वफादार हो।
दूसरों के चेहरे हम याद रखें हमारी ऐसी फितरत नहीं लोग हमारा चेहरा देख के अपनी फितरत बदल ले ऐसी हमारी फितरत है
आपके माता-पिता के सिवा ऐसा कोई नही है, जो आपको खुद से ज्यादा सफल देखना चाहता है।
दर्द की दास्तानें भी होती हैं सुनहरी, क्योंकि उनमें हमारी मोहब्बत की ख़ुशबू छिपी होती है!