#Hindi Quote
More Quotes
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या किया रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते
हमें उनकी छाया में चलकर उनकी छाया बनना है। ख़ुशी के लिए हमें दर्द से भी लड़ना पड़ता है. मैं उसका भाई होने पर गर्व कैसे नहीं कर सकता? मेरे जुगनू को जलाने वाली एकमात्र मेरी बहन है
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार
वो छोटी छोटी उड़ानों पर गुरुर नहीं करता, जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूंढता है..!!!
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल
अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते