#Hindi Quote

मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है

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मैं फ़ायदा देखता तो दोस्ती यहाँ तक नहीं पहुंचती, मैं तुझ जैसा होता तो दोस्ती इश्क में नहीं बदलती।
बसंत की बहार लिए तूं एक अलग किस्म की फुलकारी है बहन मेरी किस्मत है अच्छी, जो तुझसे मेरी यारी है-मयंक विश्नोई
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा दोस्तों को आज़माते जाइए
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं
सच्ची दोस्ती सच्चा ज्ञान दे सकती हैं।
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो
दोस्ती जब किसी से की जाए दुश्मनों की भी राय ली जाए