#Hindi Quote
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प्रेम तो खुद का पूर्ण समर्पण है इसमें ईगो और अनादर का कोई स्थान नहीं होता.
प्रेम एक समाहित करने की प्रक्रिया है। जब एक बार आपको मैं अपने एक अंश के रूप में शामिल कर लेता हूं, मैं आपके साथ वैसा ही होऊंगा, जैसा मैं खुद के साथ हूं। - सद्गुरु
काश यह दिल अपने बस मे होता, न किसी की याद आती, न किसी से प्यार होता.
ईश्वर से कोई भी प्रेम कर सकता है क्योंकि वह आपसे कुछ नहीं मांगता। पर अपने पास खड़े व्यक्ति से प्रेम करने की कीमत जीवन से चुकानी पड़ती है ।
ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है ।
सोचता हूं आज इश्क जता दूं क्या तुमसे मोहब्बत है यह तुम्हें बता दूं क्या.
प्रेम कोई काम नहीं बल्कि एक गुण है ।
दर्द में हूँ देदे अपनी बाँहों की सुकून वाली रात तू है मेरी मोहब्बत मेरी सुकून आस.
तमन्ना-ए-इश्क तो हम भी रखते है, किसी के दिल में हम भी धड़कते है, न जाने हमें वो कब मिलेंगे, जिसके लिए हम रोज़ तड़पते है!
आखों की नज़र से नहीं, हम दिल की नज़र से प्यार करते है.. आप दिखे या न दिखे फिर भी, हम आपका दीदार करते है.