#Hindi Quote
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जो प्रेमी पूजते है अपनी प्रेमिका इष्ट की तरह, तय है उनका हवन की तरह जलना
जहां में डूबा था मुझे वही किनारा चाहिए, तू फिर आ मेरे पास मुझे तू दोबारा चाहिए
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
ताकत आवाज़ में नहीं अपने विचार में रखो.. क्योंकि फसल बारीश से होती है बाढ़ से नहीं…
रखना था फासला पर तुमसे दिल लगा बैठे, फिर तुम भी ना हासिल हुए और खुद को भी गवा बैठे
मैने अपनी परछाई से पूछा तुम मेरे साथ क्यों चलती हो, परछाई ने मुस्कुरा कर बोला अरे पागल मेरे सिवा तेरा है ही कौन
दिल कहता है मैसेज कर दू उसे, दिमाग कहता है हर बार जलील होना ठीक नहीं
बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन।
माना दूरियां कुछ बढ़ सी गई है, मगर तेरे हिस्से का वक्त हम आज भी तनहा गुजरते हैं
बड़ी अजीब होती है ये यादें, कभी हसा देती है, कभी रुला देती है