#Hindi Quote

सभी खेल जो खेले जाने थे वे खेले गए और हम टूटी हुई नाव के साथ समुद्र में थे जब सुगंध हमारे हाथों को छूकर गुजर गई! सबको फूल देकर हम पत्थर बन गये।

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मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमान ख़ुद पर।
चिंता चिता समान है।
पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती।
अँधेरे में परछाईं भी अपना साथ छोड़ देती है।
किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही ख़त्म हो जाये।
मेरा परिवार मेरी ताकत और मेरी कमज़ोरी है।
सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है।
विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला विद्यालय ना तो आज तक खुला है न कभी खुलेगा।
विवेक प्रशिक्षण का परिणाम नहीं है, बल्कि इसे हासिल करने का आजीवन प्रयास है। - अल्बर्ट आइंस्टीन
जहाँ भी आज़ाद रूह की झलक पड़े समझना वह मेरा घर है।