#Hindi Quote

सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !

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ईश्वर से कोई भी प्रेम कर सकता है क्योंकि वह आपसे कुछ नहीं मांगता। पर अपने पास खड़े व्यक्ति से प्रेम करने की कीमत जीवन से चुकानी पड़ती है।
जो लोग एक दूसरे से सचमुच बहुत प्रेम करते हैं, वही लोग प्रियजन को खो देने के बाद भी हालात को शालीनतापूर्वक सम्हाल पाएंगे।
मूल रूप में, प्रेम का अर्थ हैः पसंदों और नापसंदों से ऊपर उठ जाना।
छुपाने लगा हूँ कुछ राज अपने आप से, जब से मोहब्बत हुई है हमें आप से !
जो भी शर्तों पर आधारित है, वह प्रेम नहीं है।
प्रेम कोई रिश्ता नहीं है। प्रेम तो भावनाओं की एक तरह की मिठास है।
उनकी आदतें ख़राब हो जाती है, जिनको हर चीज़ तैयार मिल जाती है!
ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है।
आज खुदा ने मुझसे कहा भुला क्यों नहीं देते उसे मैंने कहा इतनी फिक्र है तो मिला क्यों नहीं देते !
सात फेरों से तो, महज शरीर पर हक मिलते हैं, आत्मा में हक तो रूह के फेरों से मिलते हैं !