#Hindi Quote

आज खुदा ने मुझसे कहा भुला क्यों नहीं देते उसे मैंने कहा इतनी फिक्र है तो मिला क्यों नहीं देते !

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सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !
नहीं बदल सकते हम खुदको औरों के हिसाब से, एक लिबास मुझे भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब ।
जो लोग एक दूसरे से सचमुच बहुत प्रेम करते हैं, वही लोग प्रियजन को खो देने के बाद भी हालात को शालीनतापूर्वक सम्हाल पाएंगे।
तुम्हें देखा तो मोहब्बत भी समझ आई, वरना इस लफ्ज़ की तारीफ सिर्फ ही सुना करता था मैं !
मैं बेचैन सा लगता हूं वो राहत जैसी लगती हैं मैं खो जाता हूं ख्वाबों में वो भीतर मेरे जगती हैं !
न कर फ़िक्र की जमाना क्या सोचेगा, ज़माने को अपनी ही फ़िक्र से फुरसत कहाँ!
सात फेरों से तो, महज शरीर पर हक मिलते हैं, आत्मा में हक तो रूह के फेरों से मिलते हैं !
ख़ुशी, शांति और प्रेम – ये कोई आध्यात्मिक लक्ष्य नहीं हैं। यह सब तो समझदारीपूर्वक जीने की शुरुआत है।
संभल कर चल नादान ये इंसानों की बस्ती है, ये खुदा को भी आजमा लेते है, फिर तेरी क्या हस्ती है..!!!
लोग अक्सर पूछते हैं मेरी खुशियों का राज, इजाजत दो तो आपका नाम बता दूं !