#Hindi Quote
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अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
तुझे खोकर भी है एक तसल्ली मुझे अब मेरे साथ और क्या बुरा होगा
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
लगता है आज जिंदगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन-सी पहली दफ़ा है।
आप चाहें जिस भी वस्तु की इच्छा करो, वह आपको आपके अपेक्षित रूप में नहीं मिलेगी. – हारुकि मुराकामी
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
तुम कहा हो मेरे करीब आओ, मैं कहा हु मुझे पता तो चले..!!!