#Hindi Quote
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किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे
ना चांद की चाहत ना सितारों की फरमाइश, हर जन्म में तू मिले मेरी बस यही ख्वाहिश !
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं!
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं
प्रेम दिवस कैसे मनाता चारों तरफ गम के बादल छाए थे, नमन है मेरा उन शहीदों को जो तिरंगा ओढ़ कर आए थे.
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
मौन, मैंने समझा है , एक ऐसी चीज़ है जो आप वास्तव में सुन सकते हो।
कभी छुपा लेते है गम की दिल के किसी कोने में। कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है।
जो चीज़ किसी ने मेहनत से हासिल की हो, वो आप अपनी ख्वाहिश से हासिल नहीं कर सकते…
आंसू किसी और के दुख को समझता नहीं है, और न ही किसी की खुशी को। - Franz Schubert