#Hindi Quote
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ना चांद की चाहत ना सितारों की फरमाइश, हर जन्म में तू मिले मेरी बस यही ख्वाहिश !
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
वो किताबों में लिखा नहीं था , जो सबक़ ज़िन्दगी ने सिखाया मुझे !
प्रेम दिवस कैसे मनाता चारों तरफ गम के बादल छाए थे, नमन है मेरा उन शहीदों को जो तिरंगा ओढ़ कर आए थे.
आंसू किसी और के दुख को समझता नहीं है, और न ही किसी की खुशी को। - Franz Schubert
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर हैं!
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख, तू भी एक सिकंदर है!