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एक पतंग की तरह उड़ना सीखो, जो उड़ती तो आजाद है, लेकिन संस्कारों की डोरी साथ लेकर।
शिक्षक हम में ज्ञान, बुद्धि, संस्कार और वास्तविकता के मूल्यों का संचार करते हैं।
इन सड़कों को भी बहुत घमंड था अपने लम्बे चौड़े होने का, गरीबों के बच्चो ने इन्हें पैदल ही नाप लिया।
शिक्षक हमारे समाज के वो स्तंभ हैं, जो अगली पीढ़ी आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।
शिक्षक हमारी शैक्षिक यात्रा के दौरान मार्गदर्शन, समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
इतना कामयाब जरूर बनना कि, कोई कामयाब की धौंस न दिखा पाये।
सीढ़ियाँ सिर्फ उनके लिए बनी हैं जिन्हें छत पर जाना है, जिनकी मंज़िल आसमान हो उनको तो रास्ता ख़ुद बनाना पड़ता है!
शिक्षक दिवस ममाने का उद्देशय शिक्षकों की सराहना करना है।
एक पतंग की तरह उड़ना सीखो, जो उड़ती तो आजाद है लेकिन संस्कारों की डोरी साथ लेकर।
आज कितनी भी ज्ञान की बातें कह दूं लोग उसे हंसी में, उड़ा देते हैं क्योंकि मैं आज एक सफल इंसान नहीं हूं.