#Hindi Quote
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एक व्यक्ति द्वारा स्वामी विवेकानंद से पूछा गया, सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है ? स्वामी जी ने उत्तर दिया की “वो ऊमीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है!
हौंसले जिनके चट्टान हुआ करते है, रास्ते उनके ही आसान हुआ करते है, ए नादान ! न घबरा इन परेशानियों से, ये तो पल भर के मेहमान हुआ करते है!
भूल होना प्रकृति है, मान लेना संस्कृति है, और सुधार लेना प्रगति है!
गलत और गुस्से में लिया गया निर्णय इंसान को कभी कोई ख़ुशी नहीं देता, ऐसे निर्णय इंसान तभी लेता है जब उसे, उसकी ज़िंदगी में सही विचार, नई सोच देनेवाला नहीं होता ,और वह खुद सही करने का प्रयास नही करता,
जिसे हारने का डर है, उसकी हार निश्चित है!
जिस बात से डर लगता हो, उस क्षेत्र में अपना ज्ञान बढ़ाना आरंभ कर दें, डर भाग जाएगा, डर सदैव अज्ञानता से उपजता है !
अंधेरे को कोसने से बेहतर है की एक दिया जलाया जाए!
शिक्षा हमें अंधेरों से उजालों की और लाते है।
आज के समय, लोग अपने ज़िंदगी के तकलीफो, समस्याओ में कुछ इस तरह उलझे है, की उन्हें अपनी ज़िदगी के सही निर्णय लेने की समझ ही नहीं रही|
आपकी प्रगति धीमी है या बार बार गलती हो जाती है, तो चिंता मत करे क्यूंकि आप उनसे आगे है जो प्रयास ही नहीं करते!