#Hindi Quote

ज़िन्दगी एक ढलती शाम की तरह है जिसमें कहीं उथल-पुथल है, तो कहीं थोड़ा आराम भी।

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ज़िन्दगी भर नहीं दूंगा।
ज़िन्दगी पल-पल ढलती है, जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है कुछ खोकर पछताना क्यों, ज़िंदगी जैसी भी है बस एक ही बार मिलती है।
हम ज़िन्दगी भर जमीनों की कीमत पर इतराते रहे, हवा ने अपनी औकात मांगी तो खरीदी हुई ज़मीने बिक गयी।
तूफानों से टकराने पर तनिक जो तस से मस न होते हैं ज़िंदगी की नौका को वही पार साहस से करते हैं
ज़िन्दगी में अगर गुलाब की तरह खिलना है तो कांटों से तालमेल की कला को सीखना ही होगा।
जब ज़िंदगी आपको पीछे धकेल दे, तो समझ जाना एक बड़ी छलांग लगाने का वक़्त आ गया है ।
आशाओं के दीपक ही जीवन में अंधकार को मिटाते हैं
आप अपने भविष्य तो नहीं लेकिन जीने का तरीका जरुर बदल सकते हो
जो लोग सपनों को सच करते हैं, वहीं ज़िन्दगी का सही अर्थ समझते हैं।
ज़िन्दगी में अगर गुलाब की तरह खिलना है तो कांटों से तालमेल की कला को सीखना ही होगा.