#Hindi Quote

कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.

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इन फासलों के पीछे सब फैसले तुम्हारे थे.
स्टेशन जैसी हो गयी है ज़िन्दगी, जहां लोग तो बहुत है, पर अपना कोई नह।
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है.
दुःख तुमने मुझे नहीं दिया है, मैंने अपने आप को दुःख दिया है.
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो ! तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें.
अक्सर जिनकी हंसी खूबसूरत होती है, वो जिंदगी में रोये भी बहुत होते हैं।
अपने लक्ष्य को पाने के लिए जितनी मेहनत करेंगे, उतनी ही बड़ी सफलता
जो लोग दर्द को समझते हैं, वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते.
इस दिन हर कोई अपने पिता को स्पेशल फील करवाना चाहता