#Hindi Quote
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स्वाभिमान से बड़ा कोई खजाना नहीं, और आत्मसम्मान से बड़ी कोई धरोहर नहीं।
घाव ठिक हो जाने से, हादसे नही भूले जाते..
ज़िन्दगी एक ढलती शाम की तरह है जिसमें कहीं उथल-पुथल है, तो कहीं थोड़ा आराम भी।
मैं ज़िन्दगी से नहीं, अपने आप से नाराज़ हूँ – अर्जुन
खुद पर काबु रखना एक परिपक्व इंसान की निशानी है; वक्त से पहले खुद पर काबु खो देना अपरिपक्वता की पहचान है।
जो व्यक्ति हर वक्त दुख का रोना रोता है, उसके द्वार पर खड़ा सुख बाहर से ही लौट जाता है।
भाई का प्यार दुआ से कम नहीं, भले ही आज मैं तेरे पास नहीं, पर ए-बहन हर घड़ी दिल से हूं तेरे साथ, किसी भी हाल में नहीं छोडूंगा तेरा हाथ।
ना कोई तरंग है, ना कोई उमंग है, मेरी ज़िन्दगी भी क्या एक कटी पतंग है
जीवन हमें दूसरा मौका जरूर देता है, जिसे कल कहते हैं…
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका.