#Hindi Quote
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ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली, गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने!
जिसका दिल ग़म की तन्हाइयों में उजड़ गया हो, वो बाहर से कितना ही सेहतमंद लगता हो, लेकिन अंदर से तो बीमार ही रहता है
मुसाफ़िर कल भी था मुसाफ़िर आज भी हूँ,कल अपनों की तलाश में था आज अपनी तलाश मैं हूँ!
दुख तो मुफ्त में मिलते है, लेकिन सुख की कीमत तो देनी ही पड़ती है
उसने रुलाया है, वही हँसाएगा
ना कोई तरंग है, ना कोई उमंग है, मेरी ज़िन्दगी भी क्या एक कटी पतंग है
ताश का जोकर, और अपनों की ठोकर, अक्सर वाजी पलट देते है।
प्यार हम दोनों ने किया, मगर तड़पना सिर्फ मेरे नसीब में आया
मैं ज़िन्दगी से नहीं, अपने आप से नाराज़ हूँ – अर्जुन
जिंदगी में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए अपनों का कभी पता न चलती